
"भौतिक दुनिया की तरह, चिकित्सा आदमी के लिए शिक्षा है, इंजीनियर के लिए शिक्षा है, कई अन्य विभागों के लिए शिक्षा है। इसी तरह, एक आदमी को आध्यात्मिक बनाने की शिक्षा है। इसलिए हम शिक्षा देने जा रहे हैं कि आध्यात्मिक रूप से उन्नत कैसे बनें। यही हमारा उद्देश्य है।
– श्रीला प्रभुपाद, साक्षात्कार, १४ जुलाई १९७६

